पांच लाख से ज्यादा फर्जी डिग्री बेचने के आरोपों में घिरे मानव भारती विश्वविद्यालय के मालिकों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। 17 सितंबर को ईसीआईआर दर्ज कर जांच शुरू करने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय ने विवि और उसके मालिकों की संपत्तियां सीज करने की कवायद भी शुरू कर दी है। ईडी ने सोलन के जिला प्रशासन से विवि की संपत्ति की जानकारी मांगी है। माना जा रहा है कि ईडी जल्द विवि और उससे जुड़ी अन्य चल-अचल संपत्तियों को सीज कर सकता है।
अर्जित संपत्तियों की जांच भी शामिल
उधर, मानव भारती विवि के फर्जी डिग्री मामले की जांच कर रही एसआईटी के प्रभारी व एडीजी सीआईडी एन वेणुगोपाल ने कहा कि हर पहलू की जांच कर रहे हैं। इसमें फर्जी डिग्री के अलावा उससे अर्जित काली कमाई और उस कमाई से अर्जित संपत्तियों की जांच भी शामिल है। ईडी के अलावा आयकर विभाग भी अवैध आय के साधनों और उस पर किए कर चोरी के पहलू की जांच कर रहा है।
बता दें, हिमाचल पुलिस ने मामले में तीन एफआईआर दर्ज कर पहले सोलन पुलिस की एसआईटी को जांच दी थी। चूंकि मामला कई राज्यों और विदेश तक जुड़ा था, ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधानसभा में एडीजी वेणुगोपाल की अध्यक्षता में एक एसआईटी गठित कर जांच को दे दी। इस एसआईटी में सीआईडी के अलावा इनकम टैक्स और प्रवर्तन निदेशालय के उप निदेशक स्तर के अधिकारी शामिल हैं।
डीजीपी संजय कुंडू ने इस काम के लिए व्यक्तिगत तौर पर ईडी और इनकम टैक्स के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर सहयोग करने की अपील की थी। दलील दी थी कि वित्तीय गड़बड़ियों की भी पुलिस जांच कर रही है, ऐसे में अगर दोनों एजेंसियां सहयोग करेंगी तो उन्हें और पुलिस दोनों को ही जांच पूरी करने में आसानी होगी।