वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को ध्यान में रखकर 2021-22 का केन्द्रीय बजट पेश किया है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत नया विचार नही है। प्राचीन भारत आत्मनिर्भर था और विश्व में व्यापार का केन्द्र था। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत 130 करोड़ भारतीयों के भरोसे की अभिव्यक्ति है जिन्हें अपनी क्षमता और कौशल पर पूरा भरोसा है। बजट प्रस्तावों से राष्ट्र प्रथम, किसानों की आय दोगुनी करने, मजबूत बुनियादी ढांचा, स्वस्थ भारत, सुशासन, युवाओं के लिए अवसर, सबके लिए शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और समावेशी विकास के प्रति सरकार की संकल्पबद्धता व्यक्त होती है।
पूंजीगत व्यय में भारी बढ़ोतरी। पांच दशमलव पांच चार लाख करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए
वित्तमंत्री ने बजट अनुमानों में पूंजीगत बजट में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है। इसके लिए पांच लाख 54 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान है जो 2020-21 के बजट अनुमान से 34 दशमलव पांच प्रतिशत अधिक है।
सड़क और राजमार्ग ढांचे में बढ़ोतरी के लिए बजट प्रस्तावों में नये आर्थिक कॉरीडोर बनाने की घोषणा की गई है। वित्तमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु में साढ़े तीन हजार किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए एक लाख तीन हजार करोड़ रूपये निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि केरल में मुम्बई-कन्याकुमारी कोरीडोर के छह सौ किलोमीटर सेक्शन सहित 65 हजार करोड़ रूपये के निवेश से केरल राज्य में एक हजार एक सौ किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में मौजूदा सड़क-कोलकाता-सिलीगुडी के उन्नयन सहित 25 हजार करोड़ रूपये की लागत से 675 किलोमीटर लम्बे राजमार्ग का निर्माण प्रस्तावित है।