नालागढ़ (सोलन): हिमाचल प्रदेश के सोलन (Solan) जिले के नालागढ़ के जगतपुर गांव के 41 वर्षीय बटालियन हवलदार मेजर कुलदीप सिंह ने ऑपरेशन स्नो लैपर्ड के तहत शहादत (Martyred) पाई है. शहीद कुलदीप सिंह, स्वतंत्रता सेनानी दौला सिंह के पोते हैं. 10 जुलाई 1999 को सेना में हुए भर्ती कुलदीप सिंह में बचपन से देश सेवा का जज्बा था. उनके बड़े भाई सुरेंद्र सिंह बीएसएफ (BSF) से सेवानिवृत्त हुए. चचेरे भाई में सेना भी तैनात हैं. द्रास का तापमान माइनस 55 डिग्री तक पहुंच गया है.
आज पहुंचेगा शव
79 मीडियम आर्टिलरी रेजिमेंट में तैनात शहीद कुलदीप सिंह की पार्थिव देह शनिवार को पैतृक गांव पहुंचने की उम्मीद है. बताया जा रहा है कि उन्हें साइलेंट अटैक पड़ा. 18 नवंबर 2005 को वह रेणु देवी से परिणय सूत्र में बंधे थे. वह अपने पीछे 14 साल और 9 साल की दो बेटियों को छोड़ गए हैं. सैनिक कल्याण बोर्ड के उपनिदेशक मेजर दीपक धवन ने कहा कि 7 जनवरी को सुबह शहीद कुलदीप सिंह वीरगति को प्राप्त हुए हैं. शनिवार शाम तक उनका पार्थिव शरीर नालागढ़ पहुंचने की उम्मीद है. शहीद के माता-पिता हृदय रोग से पीड़ित हैं तथा उन्हें शहादत की सूचना दोपहर तक नहीं दी गई थी. भाई सुरेंद्र सिंह ने बताया कि परिवार सदमे में है.
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द्रास में सेवाएं देते हुए भारतीय सेना का वीर जवान एवं वीरभूमि हिमाचल के नालागढ़ का सपूत कुलदीप सिंह के शहीद होने वाली खबर अत्यंत दुःखद है।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति व शोकग्रस्त परिवार को संबल प्रदान करें।
हिमाचल को वीर जवान कुलदीप की शहादत पर गर्व है।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) January 8, 2021