कोविड काल में प्रदेश की सैरगाहें क्रिसमस पर सैलानियों से गुलजार रहीं। शिमला, कुल्लू, मनाली व डलहौजी में क्रिसमस पर काफी काफी संख्या में सैलानियों के पहुंचने की सूचना है। इस दौरान शिमला पर्यटकों से पूरी तरह पैक रहा। शिमला में सैलानियों की आमद का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि शहर के अधिकांश होटलों में शाम के समय सैलानियों को कमरे तक नहीं मिले। क्रिसमस सेलिब्रेशन के लिए शिमला में गुरुवार शाम से ही सैलानियों की आमद शुरू हो गई थी। शुक्रवार को भी शिमला में काफी संख्या में सैलानी पहुंचे। शहर के रिज व मालरोड पर दिन भर खूब चहल-पहल रही। कुफरी-नारकंडा में भी काफी संख्या में सैलानियों के पहुंचने की सूचना है। इसके अलावा कुल्लू, मनाली, धर्मशाला और डलहौजी में भी क्रिसमस सेलिब्रेशन के लिए काफी तादाद में सैलानी पहुंचे हैं।
होटलों में भी सैलानियों की आवभगत के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। अचानक सैलानियों की आमद देखकर पर्यटक कारोबारियों के चेहरे खिल गए हैं। ऐसे में सैलानियों को नववर्ष की पूर्व संध्या सहित नववर्ष सेलिब्रेशन के लिए पहाड़ों पर काफी संख्या में सैलानियों के पहुंचने की उम्मीदें जगी हैं। होटल एवं रेस्तरां सघं के अध्यक्ष संजय सूद ने बताया कि क्रिसमस पर शिमला के होटलों में 100 फीसदी आक्यूपेंसी रिकॉर्ड की गई है। 26 दिसंबर के लिए भी शिमला के होटल पूरी तरह से सैलानियों से पैक हैं। इसके अलावा कुल्लू-मनाली, धर्मशाला और डलहौजी के होटलों में भी आक्यूपेंसी दर अच्छी रही है।
अधूरी रह गई व्हाइट क्रिसमस की हसरत
राजधानी सहित प्रदेश के अन्य पर्यटक स्थलों पर पहुंचे सैलानियों की क्रिसमस पर बर्फबारी की हसरत पूरी नहीं हो पाई। बताते चलें कि प्रदेश में साल 1991 व 2016 के दौरान क्रिसमस पर बर्फबारी हुई थी। इस साल मौसम को देखते हुए कई सालों बाद व्हाइट क्रिसमस की उम्मीदें लगाई जा रही थीं, मगर इस बार भी सैलानियों को निराशा ही हाथ लगी।